सूचना विभाग किस नियम से इलैक्ट्रॉनिक चैनलों के एंकर्स को प्रेस मान्यता दे रहा

सूचना विभाग किस नियम से इलैक्ट्रॉनिक चैनलों एंकर्स को संवादाता .(पत्रकार). व हेड क़ो सम्पादक कि प्रेस मान्यता किस नियम कानून से मान्यता दी गई हैं जब की प्रेस रजिस्ट्रेशन आँफ बुक्स. एक्ट.1867 के अनुसार सम्पादक की परिभाषा के दायरे मे नहीं आते और वकिँगं जर्नलिस्ट के दायरे मे भी नहीं आते जैसा कि कर्मचारी (सेवा की शर्तें) और विविध प्राविधान अधिनियम-1955 में परिभाषित है। प्रेस-की परिभाषा मे प्रसारण कर्मचारीयों व एंकरों को पत्रकार नहीं माना जा नहीं सकता और इलेक्ट्रॉनिक प्रसारण चैनलों की परिभाषा मे के लिए केन्द्र सरकार ने आज तक इन के लिए कोई कानून नही बनाया इसी तरह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया. प्रेस काउंसिल आँफ इंडिया के भी दायरे मे नहीं आती और इसलिए ये सब पत्रकारो की परिभाषा मे नहीं आते है। प्रेस कानून (अधिनियम ) के अंतर्गत फिर तो सब के सब चैनल किया अवैध रूप से चल रहे है तो इन के खिलाफ सरकार आखिर क्यों चुप है और यह चैनल वाले किस तरह देश में फाजीँ खबरे चलाकर सम्प्रादिकता का जैहर घोल कर देश की एकता को किस तरह तार-तार कर रहे है जब यह चैनल प्रेस नियम मे नहीं आते केंद्र सरकार व प्रदेश सरकारो को देश कि एकता को बचाने के लिये तुरंत ऐसे फाजीँ देश में चलरहे चैनलों पर कानूनी सिकंजा कसना चाहिए। प्रेस मान्यताऐ समाप्त कि जाये और प्रेस के नाम पर जो साहुलीहत लेते आज तक उसकी रिक्कबरी वसूली होना चाहिये। इसी तरह सोशल मीडिया भी आर.एन.आई .रजिस्ट्रेशन के दायर में नही और प्रेस काउंसिल के दायरे मे भी नहीं आते ये भी पत्रकार की परिभाषा में नही आते है।और सोशलमीडिया की फाजीँ आई-डी-पर तरह-तरह चैनलों के नाममो से कुकूर मुत्ते कि तरह पुराने लखनऊ गाली-चौराहो पर फाजीँ पत्रकार अपने गाले फाजीँ प्रेस काड़ डाल थाने-चौकीयो पर अपनी दलाली की दुकान रहे है और यह कोई गरीब किसी तरह सर छुपाने के लिए कोई निर्णय या बिजली व पानी के लिये करवाता हैं तो फाजीँ पत्रकार या अधिकारी बन कर उसकों अपना निशांना बाना कर हजारों की अवैध वसूली करके रफूचक्कर होजाते हैं। यह हाल पुरे जनपद मे चल रहा है।और जब यह फाजीँ पत्रकार पुलिस से मिलते हैं तो प्रेस अकाड़ दिखकर चैढे हो जाते है। और किस तरह फाजीँ पत्रकार खुले आम पत्रकारिता को कंकलित कर रहे है मेरी जिला प्राशासन से मांग है की ऐसे फाजीँ पत्रकारों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाऐ तथा थानो व पुलिस चोकीयो पर आने से रोका जाए l