शोसल मीडिया के पत्रकारों को.सूचना एवं जनसंपर्क विभाग किस नियम व कानून से इनको सचिवालय प्रेवश पत्र और लाक डाउँन मे मीडिया पास बना रहा

 


निदेशक: सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से जानना चाहता हूं कि शोसल मीडिया के पत्रकारों को.सूचना एवं जनसंपर्क विभाग किस नियम व कानून से इनको सचिवालय प्रेवश पत्र व लाक डाउँन मे मीडिया पास जैसी अन्य सुविधाएं किस नियम के अनुसार दीजा रही है। जब कि विदेशी प्राईवेट गूगंल कम्पनी है।ना कि भारत की कोई सरकारी ऐजेंसी हैं। शोसल मीडिया गूगल मे रजिस्ट्रेशन करके जी.बी(नेट) किराए पर लेकर विभिन्न फर्जी नामों से न्यूज चैनलों का संचलन कर रहे है। यह भारत के किसी भी नियमों के अनुसार ना तो चैनल ना ही पत्रकारो की प्रारिभाषा मे नही आते है फिर क्यों सूचना विभाग इन जैसे पत्रकार के भेश मे भेडियो को यह सुविधाएं क्यों दी गई। इसका कौन.जिम्मेदार हैं जब कि राजधानी लखनऊ में जिला प्राशासन की नाक के निचे शोसल मीडिया के विभिन्न फर्जी नामो से न्यूज चैनलों के फर्जी पत्रकारो के आतंक से लोगों मे एक डर का वातावरण फैला है।और ऐसे लोगों पत्रकारों के भेस मे लूटेरों गैंग शहर गाली, नुक्कड़,चौराहो पर गरीबों मजलूमों को प्रेस का भैकाल दिखाकर अवैध वसूली करने से मीडिया से लोगों का भरोसा उठता नजंर आरहा है ऐसे फर्जी चैनलों के पत्रकारों को पुलिस व जिला प्राशासन को भी असली व नकली पत्रकारों को पहचाना मुश्किल होता हैं।और इन शोसल मीडिया वाले को अपनी आई०डी०पर न्यूज चैनल लिखने का इनक़ो कोई आधिकार प्राप्त नहीं है।ना ही यह चैनल व पत्रकार किसी नियम की प्रारिभाषा में नहीं आते हैं।ऐसा करना एक डडंन्ये अपराध की प्रीरिभाषा मे आता है ऐसे गैर कानूनी चैनलों के फर्जी पत्रकारों पर सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही करने कीअति आवश्यकता और मीडिया की गिरी शाख को बचाया जा साके जनता मे पूर्ण विशवास पैदा होसाके।