चंडीगढ़, । Haryana Assembly Election 2019 Result के बाद किंगमेेकर की भूमिका में आई जननायक जनता पार्टी (JJP) विधायक दल के नेता दुष्यंत चौटाला ने नई सरकार के गठन के लिए किसी पार्टी के समर्थन को लेकर अपने पत्ते पूरी तरह नहीं खोले हैं। उन्होंने इसके लिए अपनी शर्त रखी है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जो पार्टी हमारे न्यूनतम साझा कार्यक्रम (Common Minimum Program) से सहमत होगी हम उसी को समर्थन देंगे। इसके तुरंत बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्हाेंने कहा, दुष्यंत बाते जो कह रहे हैं वह हमारे घोषणापत्र में भी शामिल हैं। इसके बाद भी उनकी अन्य बातें हैं तो उस पर भी विचार करने को तैयार हैं।
कहा- हमारे न्यूनतम कार्यक्रम को लागू करने वाली पार्टी को समर्थन देंगे, हुड्डा बोले- मंजूर
हरियाणा में सरकार गठन के लिए किसी दल को समर्थन के मुद्दे पर प्रेस कान्फेंस में दुष्यंत ने स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा और अपने सभी विकल्प खुले होने के संकेत दिए। इस तरह उन्होंने भाजपा व कांग्रेस दाेनों के लिए अपने दरवाजे खुले होने का इशारा किया। नई दिल्ली में पार्टी विधायक दल की बैठक के बाद उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में अपनी पार्टी का रुख साफ किया। दुष्यंत ने बताया कि अभी थोड़ी देर पहले पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई और इसमें समर्थन के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया गया। इसमें तय किया गया कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार किया जाए और जो पार्टी इसे मानती है उसको समर्थन दिया जाए। उन्होंने बताया कि कार्यकारिणी ने उनको (दुष्यंत चौटाला) और पार्टी के प्रदेश प्रधान सरदार निशान सिंह को इस बारे में फैसला करने को अधिकृत किया है।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जेजेपी में कोई भी राजनीतिक कदम उठाने के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी पूरी तरह से अधिकृत है। आज राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने अपने सुझाव रखे। चर्चा के दौरान कई ने कांग्रेस तो कई ने भाजपा के साथ चर्चा कर सरकार बनाने की बात कही।
दुष्यंत चौटाला को जेजेपी विधायक दल का नेता चुना गया
दुष्यंत चौटाला ने यहां मीडिया से बातचीत में दुष्यंत ने कहा कि सरकार बनाने के लिए उस दल को समर्थन देंगे जो हरियाणा के लिए तय हमारे न्यूनतम साझा कार्यक्रम को मानेगा। इस कार्यक्रम के तहत हमने हरियाणवी के लिए नौकरियों में 75 फीसदी आरक्षण का संकल्प लिया था। इसके साथ ही वृद्धावस्था पेंशन पर चौधरी देवीलाल की सोच के बारे को लागू करने वाले दल को जेजेपी अपना समर्थन देगी।
यह पूछे जाने पर कि आपकी पार्टी ने भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ा तो ऐसे में अब उसे समर्थन करने पर कैसे विचार कर सकते हैं, तो दुष्यंत ने कहा, हमने कांग्रेस के साथ मिलकर तो चुनाव नहीं लड़ा। हमने तो चुनाव कांग्रेस के खिलाफ भी लड़ा।
दुष्यंत ने कहा कि लोग कयास लगा रहे हैं किससे मुलाकात हुई क्या कदम उठाए गए। उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी अनौपचारिक तौर पर बात हुई है, लेकिन मुलाकात किसी से नहीं हुई। हम सरकार में भागीदारी भी रखेंगे और अपने एजेंडे पर भी काम करेंगे। युवाओं की ताकत हमें मिली, इसलिए हमारी प्राथमिकता युवा हैं।
नई सरकार के गठन पर भाजपा या कांग्रेस में किसी एक को समर्थन देने के सवाल पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि अभी तक हमने इस मुद्दे पर किसी से बात नहीं की है, क्योंकि राष्ट्रीय कार्यकारिणी के एजेंडे में यह स्पष्ट नहीं था। अब हम अधिकृत हो गए हैं, हम संबंधित लोगों से बात करेंगे। कुछ ही घंटों में या कुछ दिनों में हम इस बारे में तय फैसला कर लेंगे।
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि विधायक दल की बैठक में आज एक प्रस्ताव पारित किया गया कि मैं विधायक दल का नेता हूं। विधायक दल की बैठक में ईश्वर सिंह को उपनेता और अमरजीत ढांडा को मुख्य सचेतक चुना गया। उन्होंने कहा कि इसके बाद विधायक दल की बैठक और उसमें पारित प्रस्तावों के बारे में डॉ. अजय सिंह चौटाला को जानकारी दी। उन्होंने इस पर सहमति दी। डॉ. अजय सिंह चौटाला ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी से वर्तमान हालात में पार्टी के रुख के बारे में फैसला लेने का आग्रह किया। इसके बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई।
समर्थन के लिए हरियाणा की जनता का आभार जताया
इससे पहले बीच दुष्यंत चौटाला ने तिहाड़ जेल में पिता डॉ. अजय सिंह चौटाला से मुलाकात की और आगे की रणनीति पर चर्चा की। दुष्यंत चौटाला ने विधानसभा चुनाव में समर्थन देने के लिए हरियाणा की जनता को धन्यवाद किया और आभार जताया। उन्होंने कहा कि जनता ने हमें 15 प्रतिशत से ज्यादा वोट दिए। इसके लिए हम आभारी हैं।
हुड्डा ने कहा- दुष्यंत के न्यूनतम साझा कार्यक्रम कांग्रेस के घोषणा पत्र में भी शामिल
दुष्यंत के प्रेस वार्ता के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सामने आए और पूरे मामले पर बड़ी बात कही। हुड्डा ने कहा, दुष्यंत चौटाला जिस कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की बात वह कर रहे हैं वह हमारे घोषणा पत्र में शामिल है। वृद्धावस्था पेंशन या हरियाणवी के लिए 75 फीसद नौकरी में आरक्षण दोनों बातें से हम सहमत हैं। इसके साथ ही यदि उसके पास अन्य सुझाव हैं तो हम उसका भी स्वागत करते हैं। अब यह उनके ऊपर निर्भर है कि वह फैसला करते हैं।
इससे पहले जेजेपी के विधायकों की बैठक में नई सरकार के गठन में पार्टी के रुख पर विचार विमर्श किया गया। बताया जाता है कि भाजपा जेजेपी को साथ लाना चाहती है और अंदरखाते इसकी कोशिश चुनाव परिणाम के बाद ही शुरू हो गई थी। माना जा रहा है कि यदि जेजेपी राज्य में भाजपा के साथ आती है तो दुष्यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री बन सकते हैं। दुष्यंत चौटाला जेजेपी विधायक दल की बैठक के बाद शाम चार बजे दिल्ली में प्रेसवार्ता करेंगे और इस बारे में अपना रुख स्पष्ट करेंगे। दूसरी ओर, बताया जा रहा है कि दुष्यंत चौटाला ने समर्थन के लिए भाजपा के समक्ष कुछ शर्तें रख सकते हैं।
सीएम मनोहरलाल के अचानक दिल्ली जाने को जेजेपी से समर्थन से जाेड़ा जा रहा था
जेजेपी ने अब तक अपने रुख के बारे में स्पष्ट नहीं किया है। दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि पार्टी के विधायक और वरिष्ठ नेता की बैठक में इस बारे में निर्णय किया जाएगा। जेजेपी विधायकों की बैठक नई दिल्ली में थोड़ी देर में शुरू होगी। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री मनोहरलाल के अचानक आज सुबह दिल्ली जाने को भी जेजेपी से समर्थन लेने के मुद्दे से जोड़ा जा रहा है।
भाजपा ने साधा बादल से संपर्क तो बन गई बात
बताया जाता है कि भाजपा प्रभारी डा. अनिल जैन ने सियासी गतिविधियों के बीच पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से संपर्क साधा। जैन ने बताया कि जननायक जनता पार्टी का समर्थन हासिल करने के लिए हमने प्रकाश सिंह बादल से बात की है। इसके बाद संकेत मिले हैं कि जेजेपी संयोजक दुष्यंत चौटाला नई सरकार के गठन में भाजपा के साथ आ सकते हैं। हालांकि, दुष्यंत की ओर से अभी इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई।
डिप्टी सीएम हो सकते हैं दुष्यंत चौटाला
चर्चा है कि हरियाणा में यदि जननायक जनता पार्टी अल्पमत वाली भाजपा की सरकार बनवाने में सहयोग करती है तो वह सरकार में पावरफुल स्थिति में होंगे। भाजपा दुष्यंत चौटाला के लिए उप मुख्यमंत्री का पद रख सकती है। पूरी घटनाक्रम और आगे की राह तय करने के बारे में दुष्यंत चौटाला ने पार्टी के विधायक दल की बैठक दिल्ली में बुलाई ली।
भाजपा का यह है गणित
विधानसभा की कुल सीटें - 90
बहुमत चाहिए - 46 सीटें
भाजपा को सीटें - 40
जजपा की सीटें - 10
आजाद विधायक - सात
जजपा और आजाद विधायकों का समर्थन मिला तो भाजपा के पास होगा 57 विधायकों का समर्थन होगा। गोपाल कांडा व अभय चौटाला साथ हुए तो यह संख्या 59 हो जाएगी।
जजपा के बिना सरकार नहीं बना सकेगी कांग्रेस, निर्दलीय भी साथ नहीं
दूसरी ओर, हरियाणा में कांग्रेस ने 31 सीटें जीती हैं। यदि जजपा समर्थन देती है, जिसकी संभावना बिल्कुल भी नहीं है तो कांग्रेस का संख्या बल 41 हो जाएगा। अधिकतर आजाद विधायक कांग्रेस के साथ नहीं हैं। इनेलो के अभय चौटाला का रुख भी भाजपा के प्रति नरम दिख रहा है। इसलिए यदि जजपा की ओर से कांग्रेस को कोई इशारा नहीं किया जाता तो कांग्रेस सरकार बनाने की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं होगी। सोनिया गांधी ने हुड्ड़ा को जीत की बधाई देते हुए सरकार बनाने के लिए फ्री-हेंड दिया है।
53 साल में पहली बार दोबारा सत्ता में गैर कांग्रेसी दल
हरियाणा में अब तक कोई भी गैर कांग्रेसी दल पूर्ण बहुमत से दोबारा सत्ता में वापसी नहीं कर पाया है। भाजपा यदि सत्ता में आती है तो पहली गैर कांग्रेसी पार्टी होगी, जो लगातार दूसरी बार सरकार बनाएगी। 1977 में जनता पार्टी, 1987 में लोकदल, 1996 में हरियाणा विकास पार्टी (हविपा) की सरकार बनी। इसके बाद 2000 में भाजपा के सहयोग से इनेलो ने सरकार बनाई। लेकिन, अगले चुनाव में इन दलों को हार का सामना करना पड़ा था।
हमें सत्ता का लालच नहीं : अभय चौटाला
सिरसा। ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल करने के बाद अभय सिंह चौटाला ने कहा कि इनेलो ने हमेशा जनता के हितों की लड़ाई लड़ी है। आगे भी हमेशा लड़ते रहेंगे। मल्लेका में प्रधानमंत्री रैली करने आए थे, मैं तो उसी दिन चुनाव जीत गया था। प्रधानमंत्री का रैली में आना भाजपा की कमजोरी थी। ऐलनाबाद की जनता की जीत हुई है। इसके लिए मैं हमेशा आभारी रहूंगा। प्रदेश में स्पष्ट बहुमत किसी पार्टी को नहीं मिलेगा। यह मैंने चुनाव से पहले ही बता दिया था। हम कहां जाना है यह फैसला पार्टी के सीनियर लीडर लेंगे।