चिन्मयानंद रेप केस: पीड़ित छात्रा के परिवार से मिलने पहंचीं वृंदा करात









सुभाषिनी अली और वृंदा करात ने गुरुवार को स्वामी चिन्मयानंद पर दुराचार का आरोप लगाने वाली छात्रा के घर पहुंचकर उनके परिवार वालों से मुलाकात की। इस दौरान वह मीडिया से भी बात करेंगी। इससे पहले बीते बुधवार को पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली छात्रा की उनसे पांच करोड़ रुपये मांगे जाने के मामले में बुधवार को गिरफ्तारी के बाद अदालत में जमानत अर्जी खारिज हो गई। वहीं चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की गयी है।


सहायक अभियोजन अधिकारी लाल साहब ने बताया कि चिन्मयानंद से पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने वाली विधि छात्रा की जमानत अर्जी उनके अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी ने एसीजीएम की अदालत में लगाई थी जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। उधर चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने बताया कि बुधवार (25 सितंबर) को उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री की जमानत की अर्जी जिला जज की अदालत में दी है जिस पर सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख तय हुई है।


उल्लेखनीय है कि स्वामी सुखदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली छात्रा ने 24 अगस्त को एक वीडियो वायरल कर कहा था कि उसे चिन्मयानंद से अपनी जान को खतरा है एवं इस सन्यासी ने कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर दी है। इसके बाद पीड़िता के पिता ने कोतवाली में चिन्मयानंद के विरुद्ध अपहरण और जान से मारने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। इसी मामले की जांच एसआईटी कर रही थी जिसमें पीड़िता को दोषी पाते हुए उसे जेल भेज दिया गया।


एसआईटी प्रमुख नवीन अरोड़ा ने बताया कि हमने लड़की से गहन पूछताछ की, सारे वीडियो दिखाये और आवाज सुनायी। इस बात का स्पष्ट साक्ष्य है कि पांच करोड़ रुपये की मांग की गयी थी। मामले में चिन्मयानंद समेत पांच आरोपियों को विशेष एसआईटी जेल भेज चुकी है।


चिन्मयानंद प्रकरण में पीड़िता की जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उसके अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी ने पत्रकारों को बताया कि वह कल यानी गुरुवार (26 सितंबर) को सत्र न्यायाधीश के यहां जमानत की अर्जी दाखिल करेंगे। त्रिवेदी ने कहा कि पीड़िता ने जो 12 पेज की शिकायत दिल्ली पुलिस को दी थी, उसमें बलात्कार होने की बात कही गई है और चिन्मयानंद पर तमाम आरोप लगाए गए हैं। इसके बाद भी एसआईटी ने धारा 376सी चिन्मयानंद पर लगाई है जबकि इसमें कई बड़ी धाराएं चिन्मयानंद पर लगानी चाहिए थी।